मीराबाई के दोहे हिंदी अर्थ समेत – Meerabai ke Dohe or Pad with Meaning - Tridev
मीराबाई के दोहे हिंदी अर्थ समेत – Meerabai ke Dohe or Pad with Meaning Meerabai ke Dohe or Pad with Meaning in Hindi मीराबाई जिन्हें भगवान श्री कृष्ण की दीवानी के रूप में जाना जाता है। मीराबाई न सिर्फ एक मशहूर संत थी बल्कि कृष्ण भक्ति शाखा की मुख्य कवयित्री और भगवान श्री कृष्ण की अनन्य प्रेमिका थीं। आपको बता दें कि मीराबाई दुनिया के सबसे बड़े प्रेम स्वरूप श्री कृष्ण की सबसे बड़ी साधक थी। श्री कृष्ण से अत्याधिक प्रेम करने वाली मीरा को पूरा संसार कृष्णमय लगता था। उन्हें हर तरफ श्री कृष्ण ही दिखते थे अर्थात उनका रोम रोम कृष्ण-मय था। मीराबाई को श्री कृष्ण के अलावा और कुछ भी अच्छा नहीं लगता था। उनका मन सिर्फ और सिर्फ संत-समागम, संगीत, भगवत चर्चा, कृष्ण लीला में ही लगता था। श्री कृष्ण की साधक मीराबाई को संसारिक मोह-माया से कोई लगाव नहीं था अर्थात वे हमेशा सांसारिक सुखों से दूर रहती थी। कृष्ण-दीवानी मीराबाई श्री कृष्ण के सुंदर स्वरूपों का वर्णन करते हुए कई सुंदर कविताओं की रचना भी की है। संत मीराबाई की श्री कृष्ण के प्रति उनका प्रेम और भक्ति, उनके द्वारा रचित कविताओं के पदों और छंदों मे साफ़